Wednesday, August 15, 2018

वक़्त दो

अहसास हो
अभ्यास हो
या कोई प्रयास हो
उसे वक़्त दो

नफरत हो
मोहब्बत हो
या कोई चाहत हो
उसे वक़्त दो

चिंता हो
या शोक हो
या कोई खौफ हो
उसे वक़्त दो

विचार हो
ख्वाब हो
या कोई धयेय हो
उसे वक़्त दो

गम हो
ख़ुशी हो
या कुछ यु ही हो
उसे वक़्त दो

शाम के बाद सूरज निकलने को 
कोयले से मोती बनने को
एक सोच को समाज बदलने को
वक़्त दो!