Saturday, November 10, 2012

अंजामें गुलिश्ता

जब हर साख पे उल्लू बैठा था 
हमने अंजामें गुलिश्ता देखा था 
आज तो हर साख पे कई कई उल्लू बैठे हैं......

Monday, November 5, 2012

काहे को फेसबुक बनायीं


काहे बनाया तूने फेसबुक का लॉग इन
चलता रहे ये चाहे रात हो या हो दिन
काहे बनाया तूने "स्टेटस" का खेला
जिसमे लगाया "लाइक, कमेंट्स" का मेला
गुपचुप पैसा कमाए, वाह रे तेरी चतुराई
काहे को फेसबुक बनायीं

फेसबुक बनाने वाले क्या तेरे मन में समाई
काहे को फेसबुक बनायीं
तूने काहे को फेसबुक बनायीं

तू भी तो बैठता होगा फेसबुक पे जाकर
नए नए updates और फोटो लगाकर
कोई डाटा तो होगा प्रोफाइल में तेरी
किसी ने किया होगा कभी उसको चोरी
हमारे डाटा से पैसा कमाए वाह रे तेरी बेशर्मायी
काहे को फेसबुक बनायीं

फेसबुक बनाने वाले क्या तेरे मन में समाई
काहे को फेसबुक बनायीं
तूने काहे को फेसबुक बनायीं

तूने जनता को एक श्वर में कहना सिखाया
साथ मिलना सिखाया, मिलकर लड़ना सिखाया
दुनिया में बड़े बड़े "revolutions" बनाये
"revolutions"  बनाके तूने सपने जगाये
सपने जगाके तूने जीवन भर की नींद उडाई
काहे को फेसबुक बनायीं

फेसबुक बनाने वाले क्या तेरे मन में समाई
काहे को फेसबुक बनायीं
तूने काहे को फेसबुक बनायीं