Saturday, June 18, 2011

एक बार

कभी घूमता था तेरी गलियों में मैं तुझे पाने की खातिर !
आज भटकता हू उन्ही गलियों में तुझे भुलाने की खातिर !!

वो कहते हैं की काट सकता है बस लोहा ही लोहे को !
तुझे आना ही पड़ेगा एक बार सब मिटाने की खातिर !!