Friday, December 16, 2011

हम हर एक पल के.....

(Note: These lines are for my batch mates at SPJIMR, Mumbai)

रिश्तो का रूप बदलता है
बुनियादें ख़तम नहीं होती
ख्वाबो की और उमंगो की
म्यादें ख़तम नहीं होती

तुम अपने हुनर दो जहां को
मैं अपनी अदाएं देता हु
जो अपने लिए सोची थी कभी
मैं सबको वो दुआएं देता हु

हम हर एक पल के शायर है
हर एक पल अपनी कहानी है
हर एक पल अपनी हस्ती है
हर एक पल अपनी जवानी है