"मंदिर में क्यों आते हो बेटा" पुजारी ने मुझसे पूछा
"सूना है यहाँ भगवान् मिलते हैं" मैं बोला
"भगवान् तो हर जगह हर इंसान में हैं, जाओ और खोजो" पुजारी ने कहा.
कुछ वक़्त बाहर खोजने के बाद में फिर मंदिर गया
"क्यों बेटा किसी इंसान में भगवान् दिखे?" पुजारी ने पूछा
"भगवान् को छोडो, मुझे तो इंसान में इंसान नहीं दिखे" मैंने कहा.
"सूना है यहाँ भगवान् मिलते हैं" मैं बोला
"भगवान् तो हर जगह हर इंसान में हैं, जाओ और खोजो" पुजारी ने कहा.
कुछ वक़्त बाहर खोजने के बाद में फिर मंदिर गया
"क्यों बेटा किसी इंसान में भगवान् दिखे?" पुजारी ने पूछा
"भगवान् को छोडो, मुझे तो इंसान में इंसान नहीं दिखे" मैंने कहा.
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