Meri Awaaz
Sunday, December 26, 2010
आज सोचता हू !
मंजिले भी उसकी थी
रास्ता भी उसका था
एक मैं अकेला था
काफिला भी उसका था
साथ साथ चलने की
सोच भी उसकी थी
फिर राहें बदलने का
फैसला भी उसका था
आज सोचता हू तो
दिल सवाल करता है
लोग तो उसके थे
क्या खुदा भी उसका था ?
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