Wednesday, July 31, 2013

Since 1947

सवाल ये नहीं हे की सियासी फैसले अकसर खून से ही क्यों लिखे जाते हैं ?
सवाल ये हे की जहां कुछ बूंदों से काम हो सकता है वहाँ समंदर क्यों बहाए जाते हैं ??

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