Monday, July 1, 2013

हम सब में

सिखाया गया है हमेशा से मुझे कुछ ऐसा |
हम सब में भगवान् है, सब में अल्लाह, सब में जीसस, सब में वाहेगुरु ||

पर देखा है मैंने जमाने में हमेशा से कुछ ऐसा |
हम सब में इर्ष्या है, सब में झूठ है, सब में कपट है, सब में लालच है ||

तो मुझे अब लगता है कुछ ऐसा |
ना किसी में भगवान् है, ना किसी में अल्लाह, ना किसी में जीसस, ना किसी में वाहेगुरु ||

या फिर |
भगवान् में इर्ष्या है, अल्लाह में झूठ, जीसस में कपट और वाहेगुरु में लालच ||

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