Meri Awaaz
Saturday, February 9, 2013
तेरी गली
ना वो खुशबु थी, ना रौशनी और ना ही वो आशिको का जमघट
तेरी गली से जब आज निकला तो लगा की शायद तूने ठिकाना बदल लिया.
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