Meri Awaaz
Saturday, December 1, 2012
सब
सब उसी का बहीखाता है सब उसी का हिसाब
मैं उसी का सवाल हूँ और मैं उसी का जवाब
चाँद लम्हे भटकूँगा इन अनजान राहों में
ना ही मैं हकीकत हूँ और ना ही कोई खवाब
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