वो वक़्त ही कुछ और था
तब कुछ अलग ही हवा बहती थी
मैं नहीं ये धरती है तेरी माँ
हर माँ अपने बच्चे से कहती थी
क्या खून था उस वक़्त का
उस खून कि क्या जवानी थी
हरा दिल था सराबोर प्रेम से
हर दिल कि एक ही प्रेम कहानी थी
कुछ कर जाएँ देश के लिए
वरना जीवन धिक्कार था
ऐसे भी कुछ लोग जन्मे हैं
जिन्हें सिर्फ देश से प्यार था
आजादी कि उस चाह में
उन्होंने सब कुछ गवाया था
हमारी पीढ़ी जीए अपने भारत में
उन्होंने बस इतना भर पाया था
आज देश को लूटने को
हर कोई हर कोशिश करता है
लगता है जैसे सब कहानियां हैं
कौन देश कि खातिर मरता है
अफ़सोस रहेगा मुझे हमेशा
कि मैं उनके जैसा क्यों नहीं बना
गलती तुझसे भी हुई ए-खुदा
तुने मुझे उस वक़्त में नहीं जना.
"Afsos rahega mujhe hamesha
ReplyDeleteki main unn jaisa kyun nahi bana
galti tujhse bhi hui aye khuda
tune mujhe uss waqt mein nahi janaa..."
Atii-sundar... do tell me its ur own peom...
Hey Kajal.
ReplyDeleteThanks for compliments and reading my blog.
Yeah, My all blog articles here are my own creations only.
.ankuR
you write good...:).. best thing I liked about it is the clarity of thoughts and simplicity in writing style... I consider is very hard to stick to one main point while writing.. You do it really well..
ReplyDeleteThanks again Kajal.
ReplyDeleteI try my best to keep it as simple as possible.
:)