Monday, January 3, 2011

अब !

पैमानों से नहीं लडखडाते कदम अब हमारे !
यूँ ही बैठे बैठे हम महखाने पी जाते हैं !!

1 comment:

  1. जनाब महखाने पीते रहिये , हाजमा दुरुस्त रहेगा :)

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