Tuesday, May 14, 2013

जिन्दगी


जिन्दगी मानो एक तरफ पहाड़ और एक तरफ खाई थी |
हम कई दफा पहाड़ पर भी चढ़े और कई दफा खाई में भी उतरे ||

शुक्रगुजार हूँ मैं तेरा किस्मत, तूने ना की बेवफाई थी |
जिंदगी फिर से एक तरफ पहाड़ और एक तरफ खाई थी ||

No comments:

Post a Comment