Meri Awaaz
Saturday, June 18, 2011
एक बार
कभी घूमता था तेरी गलियों में मैं तुझे पाने की खातिर !
आज भटकता हू उन्ही गलियों में तुझे भुलाने की खातिर !!
वो कहते हैं की काट सकता है बस लोहा ही लोहे को !
तुझे आना ही पड़ेगा एक बार सब मिटाने की खातिर !!
1 comment:
star-crossed
June 19, 2011 at 5:59 AM
Good one !
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